दिशा डिग्री कॉलेज में "युवा अभ्युदय और सजगता" विषय पर कार्यशाला का आयोजन
डूंगरपुर। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में स्थानीय दिशा डिग्री कॉलेज में "युवा अभ्युदय और सजगता" विषय अंतर्गत एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। कार्यशाला में रिसर्च स्कॉलर श्रृंगेश श्रीवास्तव, सजल सैनी और महेश पटेल प्रमुख वक्ता रहे। गायत्री शक्तिपीठ डूंगरपुर से नानूराम भट्ट का सानिध्य रहा। कॉलेज निदेशक डॉ सुबोध कांत नायक और प्राचार्य डॉ प्रियंका चौबीसा ने अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमें हमारे आसपास के पर्यावरण को सुरक्षित करते हुए अपने मनुष्य जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। जीवन जीने के लिए सर्वप्रथम तत्व की आवश्यकता होती है प्राणवायु ऑक्सीजन जो हमें सिर्फ वृक्ष से ही प्राप्त होती है, इसलिए जीवन में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए और यदि किसी विशेष अवसर पर वृक्ष लगाया जाता है तो उस व्यक्ति के मरण के बाद भी उसके परिजनों द्वारा वृक्ष का रोपण अतिविस्मरणीय बन जाता है।
वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान भौतिक युग में हम यह देख रहे हैं कि छात्र-छात्रा से लेकर व्यक्ति तक शिक्षा तथा आजीविका के लिए बहुत परिश्रम कर रहा है लेकिन इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं कि हम हमारे शरीर संरचना और स्वास्थ्य की दिशा में ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। यदि हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा तो हमारा मन स्वस्थ रहेगा। स्वस्थ शरीर बनाए रखने के लिए हमारे भारतवर्ष की प्राचीन योग शिक्षा को जीवन में दैनिक रूप से आत्मसात करना चाहिए।
कार्यशाला के दौरान देव स्वरूप पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य और कुलमाता भगवती देवी शर्मा के जीवन एवं योगदान पर वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से जानकारी साझा की गई।
कार्यशाला में कॉलेज व्याख्याता चिराग प्रजापत, भारती पुरोहित, हिमानी शाह, कार्यालय प्रभारी सावन साद और माधुरी कटारा उपस्थित रहे। अंत में आभार कॉलेज जनसंपर्क अधिकारी लोचन जोशी ने व्यक्त किया।
No comments:
Post a Comment